महराजगंज/घुघली। विकास खण्ड घुघली में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे ब्लॉक के अधिकारी जांच के नाम पर मोटी रकम वसूल कर भ्रष्टाचारियों को बचाने और जांच में लीपापोती करते नजर आ रहे हैं। मामला महावन खोर उर्फ बड़हरा का है जहां ग्राम प्रधान के द्वारा इंटरलॉकिंग और नाली मरम्मत के नाम पर अवैध भुगतान कराया गया है।
इस संबंध में मीडिया के माध्यम से ख़बर चलाई गई जिसके बाद दो लोगों की जांच टीम गठित हुई जिसमें केदार नाथ द्विवेदी और राकेश कुमार को नामित किया गया। नामित जांच अधिकारी निष्पक्ष जांच करने के बजाय ग्राम प्रधान को बचाने में जुट गए इन अधिकारियों के द्वारा जांच का आख्या ब्लॉक कार्यालय में दिया गया।
आख्या में बताया गया कि इंटरलॉकिंग नए आईडी पर बनी हुई है और पूर्व में इस सड़क पर कोई भी सरकारी भुगतान नहीं है इस संबंध में राकेश कुमार ने बताया कि गांव के लोग अपने निजी पैसे से खड़ंजा कराए थे और जब इंटरलॉकिंग हुआ है तो गांव के लोग अपना ईंट वापस ले लिए।
पहले तो इनके द्वारा गलत रिपोर्ट लगाकर विभाग को गुमराह करने का प्रयास किया बाद में मामला बढ़ता देख इन लोगों ने आख्या रिपोर्ट कार्यालय से वापस अपने पास मंगवा लिए और उन्होंने कहा की अब दुबारा जांच की जाएगी जिसमें समय लगेगा।
अब सवाल यह है कि जहां सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कह रही है वहीं ऐसे जांच अधिकारी जांच के नाम पर मोटी रकम वसूल कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। सूत्रों की माने तो जिस इंटरलॉकिंग पर नई आईडी बनाकर फर्जी भुगतान हुआ है उस सड़क पर पूर्व प्रधान के कार्यकाल में सरकारी पैसे का भुगतान कराया गया है। ऐसे में इन जांच अधिकारियों का रिपोर्ट संदेह के घेरे में है और जांच में शिथिलता बरती जा रही है।